श्रुत कणिका Prev 1 of 4 Next भक्ति में अगर जान है तो भगवान तुमसे दूर नहीं।। जो हो चुके थे तुम Discharge, आओ जिनवाणी से फिर से हो जाए Recharge ।। दिगंबर साधु के प्रति श्रद्धा नहीं तो किस बात के तुम दिगंबर ।। "चिराग नहीं क्षण में मिट जाऊं।।" दीक्षा में कोई व्यवस्था नहीं होती ।। णमो लोए सव्वसाहूणं ।। Prev 1 of 4 Next